GST 2025: नए स्लैब, टैक्स में बदलाव और आपके फायदे

GST (Goods and Services Tax) क्या है और क्यों ज़रूरी है GST है भारत की सबसे बड़ी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली, जिसे 1 जुलाई 2017 से आगामांकित किया गया है। इसके पहले भारत में VAT, एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स आदि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विभिन्न दरों पर लागू होते थे। इससे व्यापारियों को कई जटिलताओं का सामना करना पड़ता था और उपभोक्ताओं पर महंगाई का दबाव बढ़ता था। GST ने सभी करों को एक प्रणाली में समेकित किया और इसे सरल, पारदर्शी और एकरूप बनाया। GST की सबसे अधिक विशेषता यह है कि इससे व्यापारियों को रिटर्न फाइलिंग में सुविधा प्राप्त हुई, इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ हुआ और अंतरराज्यीय व्यापार की सुलभता आयी। उपभोक्ताओं के लिए यह बिल में टैक्स स्पष्ट दिखाने वाला तंत्र लाया। इससे लोगों को यह पता चलता है कि उनका कितना पैसा सरकार को टैक्स के रूप में जा रहा है। पूरे मिलाकर GST ने कर संग्रह और अर्थव्यवस्था दोनों को मजबूत बनाया।

GST 2025: नए स्लैब, टैक्स में बदलाव और आपके फायदे

2025 के नए GST स्लैब और परिवर्तन

2025 में GST काउंसिल की 56वीं बैठक में पुराने चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को कम कर केवल दो मुख्य स्लैब (5% और 18%) होने का निर्णय किया गया। लक्सरी और हानिकारक उत्पादों के लिए एक विशेष 40% स्लैब अधिसूचित किया गया। यह निर्णय 22 सितंबर 2025 से सम्प्रभुता प्राप्त हुआ। जिससे कि कर प्रणाली और साधारण हो जायेगी, उपभोक्ताओं को रोजमर्रा की आवश्यकताएँ पर राहत मिलेगी और compliance व्यापारियों के लिए आसान हो जायेगा। पुराने चार स्लैब में व्यापारियों को रिटर्न फाइलिंग में कठिनाई होती है और उपभोक्ताओं को भी टैक्स का सही अंदाज़ा नहीं होता है। नए स्लैब से सरकार के राजस्व में स्थिरता आ गई और महंगाई पर नियंत्रण भी हुआ।

रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएँ

साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, तेल, ब्रेड और बिस्किट आदि आवश्यक वस्तुओं पर GST 12–18% से घटाकर 5% कर दिया गया। इसका उद्देश्य इन वस्तुओं पर टैक्स को कम करना है, जिससे सामान्य परिवारों की दैनिक खर्च में राहत मिले और महंगाई को नियंत्रित किया जा सके। छोटे और मझोले व्यवसाय जिनका कारोबार रोजमर्रा की वस्तुओं से जुड़ा है, उनके लिए यह निर्णय व्यापार बढ़ाने का अवसर भी लेकर आया। उपभोक्ताओं को इन वस्तुओं की खरीद पर कम खर्च करना होगा, जिससे उनके बजट में बचत होगी। सामाजिक दृष्टि से यह कदम गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन स्तर को सीधे प्रभावित करता है।

डेयरी और खाद्य पदार्थ

दू*dx*, पनीर, घी, रोटी और खाखरा वगैरह जैसे दैनिक आहार सामग्री पर GST को 5% से बदलकर 0% किया गया है। इसका मकसद महत्वपूर्ण पोषण स्रोतों को हर किसी के लिए आसानी से उपलब्ध कराना और सस्ता करना है। बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर वर्ग के लिए यह निर्णय विशेष रूप से लाभकारी है। इससे परिवारों की मासिक खर्च में कमी आई और कृषि तथा डेयरी उद्योगों में उत्पादन बढ़ा। सरकार ने यह कदम महंगाई को नियंत्रित करने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर रखने के लिए उठाया है।

पैकेज्ड फूड और स्नैक्स

नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, घी और बटर जैसी पैकेज्ड खाद्य वस्तुओं पर GST को 12–18% से घटाकर 5% किया गया। इसका उद्देश्य त्योहारों और उत्सवों के समय उपभोक्ताओं के लिए उत्पादों को सस्ता बनाना और खाद्य उद्योग को बढ़ावा देना था। यह बदलाव व्यापारियों के लिए अवसर भी लेकर आया क्योंकि कम टैक्स दर से उनकी उत्पाद की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ी। उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलने से उनकी खरीदारी का अनुभव बेहतर हुआ।

घरेलू उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स

टीवी, एसी, वॉशिंग मशीन, फ्रिज और डिशवॉशर समेत घरेलू इलेक्ट्रॉनिक आइटमों पर जीएसटी को 28% से कम कर 18% कर दिया गया। इसका लक्ष्य मध्यम वर्ग और छोटे परिवारों को अधिक गुणवत्तापूर्ण घरेलू सामान यथासंभव कम कीमत पर प्रदान करना था। यह घरेलू उद्य茂क और निर्माताओं को प्रतिस्पर्धा में बढ़ता देने का भी प्रयास है। उपभोक्ताओं को अब इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदने में आसानी होगी, जिससे घरेलू जीवन स्तर में सुधार आएगा और बाजार में उत्पादों की खपत बढ़ेगी।

बदलाव वाहनों पर

Small vehicles (दोपहिया ≤350cc, car ≤1200cc) पर GST 28% से कम कर दिया गया है 18%. वहीं, लक्ज़री कारें और बड़ी कारें 28% + cess बढ़ाकर 40% कर दी गई हैं। बस, ट्रक और एम्बुलेंस पर GST 28% से कम कर दिया गया है 18%. का उद्देश्य छोटे वाहनों की खरीदने में आम आदमी की पहुंच बढ़ाने के अलावा लक्ज़री और हानिकारक वाहनों पर टैक्स बढ़ाकर सामाजिक और आर्थिक संतुलन बनाए रखना है। इससे परिवहन की लागत कम हो जाएगी और सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।

कृषि और निर्माण सामग्री

GST को ट्रैक्टर, कृषि उपकरण और उर्वरक पर 12–18% से कम करके 5% कर दिया गया। सीमेंट पर GST को 28% से कम करके 18% कर दिया गया। इसकी छोटी लक्ष्य किसानों और निर्माण उद्योग की लागत को कम करना था। न केवल कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि निर्माण और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स भी सस्ते होंगे। यह निर्णय कृषि और निर्माण दोनों क्षेत्रों को सक्रिय और प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए लिया गया।

स्वास्थ्य और बीमा

जीवन बीमा और हेल्थ बीमा प्रीमियम को GST 18% से कम कर 0% कर दिया गया। इसके साथ ही जीवनरक्षक दवाएँ और डायग्नोस्टिक किट्स पर GST 5–12% से कम कर 0–5% कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवा और बीमा की कीमतें घटी। समान नागरिक अब स्वास्थ्य और बीमा सेवाओं का अधिक फायदा उठा पाएंगे। यह कदम स्वास्थ्य विभाग में सुधार, उपचार की कीमतें कम करने और नागरिकों के जीवन स्तर को उच्च बनाने में सकारात्मक होगा।

शिक्षा और स्टेशनरी

पेंसिल, मैप्स और किताब जैसी शिक्षा सामग्री पर GST को 5% से कम करके 0% कर दिया गया। इसका मकसद छात्रों को_GUI入り_ITEMसस्ती शिक्षा सामग्री उपलब्ध करना और शिक्षा क्षेत्र में सुधार करना है। इससे छात्रों की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आएगी और स्कूलों और कॉलेजों की कीमत भी कम होगी। यह बदलाव शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता दोनों दिनों बढ़ाता है।

लक्ज़री और हानिकारक वस्तुएँ

पान मसाला, सिगरेट, और प्रीमियम क्षमता वाली कारों पशराब र GST को 28% + cess से बढ़ाकर 40% कर दिया गया। इसका उद्देश्य हानिकारक और लक्ज़री आर्टिकल्स की ग्राफ्टिंग को नियंत्रित करना और सरकार के पास और राजस्व मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा में भी सुधार होगा। समाज में जिम्मेदार उपभोक्ता व्यवहार को बढ़ावा मिलेगा और सरकार के पास सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायता होगी।

लागू करने की प्रक्रिया

GST काउंसिल की 56वीं बैठक में सभी निर्णय लिए गए। निर्णय को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू करने के लिए 22 सितंबर 2025 से effect दिया गया। आधिकारिक नोटिफिकेशन और फॉर्म्स GST Council और CBIC की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

सभी व्यापारियों को अपनी रिटर्न फाइलिंग और इनपुट टैक्स क्रेडिट के अनुसार बदलाव करना आवश्यक है। इस प्रक्रिया से कर प्रणाली पारदर्शी और आसान बन गई है।

निष्कर्ष

नए GST रेट्स 2025 उपभोक्तों, व्यापारियों, किसानों और सरकार के लिए संतुलित सुधार हैं। आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स घटा और स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि पर टैक्स घटाकर लक्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाके समाज और राजस्व का संतुलन सुनिश्चित हुआ। 22 सितंबर 2025 से लागू होने वाले ये रेट्स अर्थव्यवस्था को पारदर्शी, सरल और प्रभावी बनाएंगे।

Sources / Official Links:

GST Council: https://gstcouncil.gov.in

CBIC: https://cbic-gst.gov.in

PIB प्रेस रिलीज़: https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2163555

By Santosh Rana

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