महबूबा मुफ्ती का बड़ा आरोप, कहा सरकार ने AAP MLA मलिक को गिरफ्तार कर जनता की आवाज दबाईजम्मू-कश्मीर की राजनीति गरमाई, AAP विधायकों पर उठे गंभीर सवाल
AAP MLA Mehraj Malik हजरतबल दरगाह विवाद से ध्यान भटकाने के लिए की गई है। उन्होंने वक्फ बोर्ड और उसकी चेयरपर्सन से माफी की मांग की और दर्ज FIR वापस लेने की बात कही। AAP MLA Mehraj Malik अरेस्ट, महबूबा ने उठाए गंभीर सवाल जम्मू-कश्मीर राजनीति शुरुआत-शुरुआत में है। पब्लिक असिस्टेंट एक्ट (पीएसए) के तहत डोडा जिले से आम आदमी पार्टी के नेता महराज आमिर को हिरासत में लिया गया है। ना केवल आप वैयक्तिक बल्कि पूरे नामांकन को ही झकझोर दिया है यह बदमाश। पीआईपी नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री ओबामा मुफ्ती ने सरकार पर कार्रवाई के लिए गंभीर आरोप लगाए हैं कि यह कदम श्रीबल मंदिर विवाद को लेकर जनता का ध्यान भटकाने के लिए उठाया है।
हजरतबल पिरामिड विवाद: धार्मिक भावनाओं को ठेस और वाक्यांश
कश्मीर की आस्था का प्रतीक हजरतबल पिरामिड, हाल ही में मस्जिद में स्थित था, जब परिसर में एक शिलापट्ट स्थापित किया गया था जिसमें राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ अंकित था। इसे शिलापट्ट वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और भाजपा नेता दर्शन अंद्राबी ने निर्देशित किया था। स्थानीय लोगों ने इसे धार्मिक स्थलों पर राजनीति करने की कोशिश कहा और इसका विरोध शुरू हो गया। विरोध बढ़ने के बाद शिलापट्ट तो हट गया लेकिन जनता में असंतोष और मंदी चली गई।

महराज आमिर की गर्लफ्रेंड ने डोडा को झकझोरा, जनता मिलन पर
हकीकतबल प्रतिक्रिया यह भी नहीं पता चला कि अचानक आप नेता महावीर स्वामी को पीएसए के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था। प्रशासन का तर्क है कि स्वामी की धार्मिक संस्था के लिए खतरा है। गिरफ़्तारी के बाद उन्हें कठुआ जिला जेल भेज दिया गया। पीएसए के तहत किसी भी व्यक्ति को लंबे समय तक बिना पासपोर्ट और बिना लैपटॉप के हिरासत में रखा जा सकता है। यही कारण है कि जनता इस क्रिया को वैकल्पिक क्रिया मान रही है।
ओबामा मुफ्ती का आरोप: सच्चाबल विवाद से ध्यान भटकाने की साजिश
हुबा मुफ़्ती ने कहा कि शरीफबल कश्मीर विवाद ने लोगों की धार्मिक जज़्बात को गहराई से प्रभावित किया है। इसके बावजूद सरकार ने राष्ट्रपति पद के लिए मौलिक मुद्दे को मंजूरी दे दी। उन्होंने वक्फ बोर्ड और उनके अध्यक्ष से माफ़ी की मांग की और कहा कि जिन लोगों ने विरोध करते हुए इन पर रिकॉर्ड धारकों का काम वापस ले लिया है। मुफ्ती ने उपराज्यपाल प्रशासन से अपील की कि अमीर को बिना देर किए रिहा कर दिया जाए।

आक्रोश में डोडा की जनता, प्रतिनिधि की रजिस्ट्री
डोडा इलाके में महाराजा अमीरज बेहद लोकप्रिय नेता माने जाते हैं। वे जमीनी स्तर से जुड़े हुए हैं और आम आदमी पार्टी में शामिल होकर उन्होंने पारंपरिक राजनीति को चुनौती दी थी। अपराधियों की खबर सामने आई डोडा और आसपास के इलाके में लोग सड़कों पर उतरे। कई जगह प्रदर्शन किया गया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी की गई। जनता का कहना था कि प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए डोडा इलाके के चुने हुए प्रतिनिधि को जेल प्रशासन की संवेदनात्मकता को शामिल किया गया है।
AAP का हमला, लोकतंत्र पर हमला कहा गया
आम आदमी पार्टी ने इस डेमोक्रेट को लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया। पार्टी नेताओं का कहना है कि पीएसए के तहत चुने गए सामुहिक लोगों का अपमान है। आप ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार वोट को बंद करने के लिए कठोर कानून का दुरुपयोग कर रही है। पार्टी ने मोहम्मद की तुरंत रिहाई की मांग की और जनता से लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपील की।
पीएसए कानून पर उंगलियां, लोकतंत्र में इसकी कमी
पब्लिक असिस्टेंट एक्ट यानी पीएसए जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से काम करता आ रहा है। इसी कानून के तहत किसी को भी बिना सुनवाई और बिना लैपटॉप के छह महीने से दो साल तक जेल भेजा जा सकता है। मानवाधिकारों ने इसे बार-बार डेमोक्रेटिक डेमोक्रेट के खिलाफ बताया है। आलोचकों का मानना है कि इस कानून का इस्तेमाल अक्सर राजनीतिक बिक्री के लिए किया जाता है। महराज आमिर की गर्लफ्रेंड को भी इसी श्रेणी में देखा जा रहा है।
पीआईपी की दिशा, बीजेपी पर सीधा हमला और जनता का समर्थन अपील करना
ओबामा फ्री ने इस पूरे मामले में लोकतंत्र पर हमले की बात कही। उनका कहना है कि चौधरीबल विवाद ने पहले ही जनता को नुकसान पहुंचाया था और उस समय के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था, सरकार की कार्रवाइयां शामिल थीं। उन्होंने उपराज्यपाल प्रशासन को चुनौती दी और कहा कि अगर सरकार सच में जनता की भावनाओं की परवाह करती है तो सरदार को तुरंत रिहा करे और शरीफबल विवाद के उत्तरदायित्वों पर कार्रवाई करे।
नामांकित एकजुट, डेमोक्रेट को लोकतंत्र का अपमान बताया गया
महराज मोहम्मद की गर्लफ्रेंड ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति हिला दी है। पीआईपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और आम आदमी पार्टी वाले लोकतंत्र ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन इंस्टिट्यूट की तरफ से कहा गया है कि यह स्टैप स्टैम्प की आवाज़ को फिर से शुरू करने के लिए उठाया गया है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना से चुनाव पर भी असर पड़ने की संभावना है और भाजपा को राजनीतिक नुकसान हो सकता है।
जनता के मन में यह सवाल, लोकतंत्र और धार्मिक अधिकारों पर चोट
जनता के मन में अब यह सवाल उठ रहा है कि पीएसए के तहत जेल में भर्ती के लिए चुना गया नाम सही है या नहीं। इसके लिए लोकतंत्र पर जनता का अविश्वास नहीं होगा। यह एक कदम सिर्फ शास्त्रीय विवाद से ध्यान भटकाने की कोशिश है। जनता का गुस्सा यह भी है कि जब प्राकृतिक आपदाओं ने डोडा को प्रभावित किया, तो प्रशासन ने उनकी मदद के बजाय नेताओं पर जेल विभाग का फैसला किया।
परिणाम: गिरवी केवल कानूनी नहीं, लोकतंत्र और आस्था की वस्तु
महराज आमिर की गर्लफ्रेंड पर अब सिर्फ कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। यह मामला कश्मीर की राजनीति, धार्मिक भावनाओं और लोकतांत्रिक अधिकारों से लेकर पर्यटक बड़ा विवाद तक बना हुआ है। हुबा फ्री ने इसे कथानक पर जोर देते हुए कहा कि सरकार वास्तविक जनता से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है। अब निबंधन में यह बात शामिल है कि प्रशासन स्वामी को क्या रिहा करता है या यह फिर से विवाद और गहराता है।
FAQ
Q1. महराज आमिर कौन हैं?
महाराज अमीर डोडा से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक हैं। वे जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आप के एकमात्र प्रतिनिधि माने जाते हैं और स्थानीय स्तर पर युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
Q2. महराज इमाम को क्यों लिया गया पद?
आमिर को पब्लिक असिस्टेंट एक्ट (पीएसए) के तहत गिर्फतार किया गया। प्रशासन का कहना है कि यह कदम “क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने” के लिए उठाया गया है, जबकि प्रशासन का आरोप है कि यह पूरी तरह से राजनीतिक बदलाव की कार्रवाई है।
Q3. असलीबल विवाद क्या है?
अशोक स्तंभ वाला एक शिलापट्ट सीरथबल मंदिर परिसर में रखा गया था। बाद में इसको हटा दिया गया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। इसका विरोध स्थानीय लोगों ने किया।
Q4. ओबामा ने क्या आरोप लगाया?
पीडीपी प्रमुख बाबा मुफ्ती ने कहा है कि आप विधायक मोहम्मद की गिरफ़्तारी को एक अनैतिक विवाद से हटाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने वक्फ बोर्ड और उसके चेयरपर्सन दरख्शां अंद्राबी की मांग की कि वे माफिया मांगें और एफआईआर वापस ले लें।
Q5. पीएसए (सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम) क्या है?
जम्मू-कश्मीर में पीएसए एक टाइट लॉ है जिसके तहत किसी व्यक्ति को 3 महीने से लेकर 2 साल तक बिना किसी कटौती के कानून में रखा जा सकता है। इसे अक्सर आपत्तिजनक माना जाता है।
Q6. लोगों की मोहम्मद की मस्जिद पर रिप्लाई क्या थी?
डोडा और उसके आसपास के इलाके में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। स्थानीय नागरिकों और राजनीतिक विचारधारा वालों ने इसे लोकतंत्र विरोधी कदम कहा। आम आदमी पार्टी और अन्य रिपब्लिकन नेताओं ने भी इसकी निंदा की है।
Q7. मोहम्मद को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा?
बाबा फ्री और अधिकांश राजनेता नेताओं ने उपराज्यपाल प्रशासन से तुरंत रिहाई की मांग की है। फिर भी, सरकार ने अब तक इस पर कोई स्पष्ट इशारा नहीं दिया है।
Q8. क्या असलीबल विवाद पर कोई कार्रवाई हुई?
शिलापट्ट का पहले ही हटा दिया गया था, लेकिन इससे जुड़े तमाम लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। नामांकन ने इन एफआईआर वापस लेने और जनता से गद्दार की मांग की।